
मैं सबसे पहले माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में तीन तलाक पर केंद्र सरकार के सतत प्रयासों का स्वागत करती हूं। आज इसी सतत प्रयास का नतीजा है कि लोकसभा में तीन तलाक विधेयक पारित हुआ, भले ही विपक्षी दलों ने इस पर बहुत रूकावटें लाईं… मैं सबसे पहले तो मुस्लिम महिलाओं के प्रति ‘दशकों तक अन्याय’ को लेकर ऐसे दल जिन्होंने 60 वर्षों से अधिक समय तक देश पर शासन किया, ऐसे मुस्लिम संगठन संगठन जिन्हौंने मुस्लिम महिलाओं की दर्द को कभी नहीं समझा, उनसे माफी मांगने की मांग
करती हूं कि वह देश की उन तमाम मुस्लिम माताओं एवं बहनों से कहें कि हां, मैं इतने वर्षों तक आपका गुनहगार रहा हूं। मैं विपक्षी दलों की उन सभी को बेकार मानती हूं कि जिसमें वो ये कह रहे हैं कि इसका उद्देश्य एक खास समुदाय को निशाना बनाना है। राजनीति तो कांग्रेस के वक्त हुई थी जब शाहबानो को न्याय नहीं मिला। उस वक्त सरकार ने दबाव में शाहबानो का अधिकार छीन लिया था। मैं केंद्रीय मंत्री आदरणीय श्री रविशंकर प्रसाद जी के उस वक्तव्य का स्वागत करती हूं, जिसमें उन्होंने एक खबर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को देखते हुए ही अब पाकिस्तान में भी इसे दंडनीय बनाने की बात हो रही है और यहां इसका विरोध हो रहा है जो उचित नहीं है।
मेरा मानना है कि यह मुस्लिम महिलाओं की समानता और गरिमा सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है… हमारी सरकार महिलाओं की बराबरी के लिए यह कानून लाने के लिए कृत संकल्प है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद 477 ऐसे मामले आए हैं। सजा का प्रावधान जरूरी है क्योंकि इससे लोग डरेंगे। अध्यादेश लाने के बाद तीन तलाक की घटनाओं में कमी आई है।
Recent Posts
- सुचेतना (NGO) की सदस्य सचिव अनुश्री मुखर्जी द्वारा टरपोलिन का वितरण
- ये वो भारत है जिसके जवाब पर विश्व सवाल नहीं उठा रहा है ।
- Inauguration of Digital Literacy Courses by Former President of India and Bharat Ratna Shri Pranab Mukherjee
- With Jagatguru Sankara Swami Shri Shri Vijendra Saraswati Maharaj at Kanchipuram
- प्रयाग में सदाचार और कोलकाता में भ्रष्टाचार का संगम