ग्रामीण शिक्षा की बेहतरी के लिए ‘सुचेतना’ एनजीओ के साथ एक पहल

ग्रामीण शिक्षा की बेहतरी के लिए ‘सुचेतना’ एनजीओ के साथ एक पहल

भले ही आज शहरों में आबादी तेजी से बढ़ रही हो, फिर भी भारत तो अब भी गांवों में ही बसता है। आज भी भारत में 83 करोड़ से अधिक लोग गांवों में रह रहे हैं। यह देश की कुल आबादी का करीब 69 प्रतिशत है। इस दशक में गांवों की आबादी में 9.04 करोड़ का इजाफा हुआ है। गांवों के इस आंकड़े पर इसलिए ध्यान देने की ज़रूरत है, क्योंकि हम शहरी क्षेत्रों में ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने भर से संतोष नहीं कर सकते… हमें ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा… माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी  जी के सपने का भारत बनाने के लिए ग्रामीण शिक्षा की स्थिति को भी सुधारना होगा… ‘सुचेतना’ एनजीओ ने ग्रामीण शिक्षा की बेहतरी के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं… इसकी शुरूआत हमने बिहार से की है…

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